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गुलजार होने लगा फूलन देवी द्वारा लूटा गया बाजार

मुक्त विचार
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सेंगर राजवंश की देश में एक मात्र रियासत का मुख्यालय जगम्मनपुर पिछले तीन दशक से अपनी रौनक खोता हुआ आम गांव से भी ज्यादा बदतर हालत में पहुंच गया है लेकिन अब शायद इसकी किस्मत फिर से करवट बदल रही है। कंजौसा और जुहीखा घाट पर पुलों के बनने के बाद यहां के उजड़े बाजार में चहल पहल बढ़ गयी है। गांव में जमीन की कीमतें भी जिस तरह उछाल मार रही हैं उससे भी बदलते समय का इशारा मिल रहा है।
आजादी के बाद राजाशाही समाप्त हो जाने पर भी जगम्मनपुर का आकर्षण बरकरार था। यहां के बाजार में नदिया पार के इटावा और औरैया तक के लोगों की रेलम पेल रहती थी। अपने आप में जगम्मनपुर गांव भी काफी बड़ा है जिसके कारण हर तरह का सामान यहां के बाजार में मुहैया था। आजादी के समय यहां के तत्कालीन राजा वीरेंद्र शाह और इसके बाद उनके पुत्र राजेंद्र शाह व जितेंद्र शाह माधौगढ़ क्षेत्र से एमएलए निर्वाचित होते रहे जिससे जन्हूरी सियासत में भी गांव का परचम बुलंद रहा लेकिन गांव को इसका कोई लाभ न मिला। विकास की मुख्य धारा में आगे कदम बढ़ाने के लिए गांव को टाउन एरिया का दर्जा दिलाने तक की बुनियादी शर्त पूरी नहीं की गयी। ग्राम पंचायत के स्तर पर सीमित धन की उपलब्धता के कारण नाला, पक्के रास्तों का निर्माण जैसे काम तक यहां नहीं हो सके। समस्याओं का अंबार लग जाने के बाद बीहड़ क्षेत्र में सबसे बड़े बाजार की ख्याति होने के कारण यहां का जो कुछ रुतबा बना था उस पर भी डकैतों द्वारा की गयी लूटपाट के कारण ग्रहण लग गया। 22 दिसंबर 1980 को फूलन देवी ने अपने गिरोह के साथ जगम्मनपुर के बाजार में सरेशाम धावा बोला और लगभग दो घंटों तक दुकानदारों व ग्राहकों की लूटपाट की। लूटपाट इतनी जबर्दस्त थी कि इसके बाद यहां के दुकानदार ऐसे बर्बाद हुए कि आज तक नहीं उबर पाये। इस बीच गांव में भीषण पलायन का दौर रहा फिर भी यहां की आबादी 15 हजार है। 2005 से चले दस्यु विरोधी अभियान में यहां सक्रिय सभी बड़े दस्यु गिरोहों का सफाया हो चुका है। इस बीच गांव के करीब बहने वाली यमुना व उसकी सहायक नदियों पर पुल बन जाने से दुर्गमता के अभिशाप से भी यहां का उद्धार हो गया है। बिठौली, मड़इया, चौरेला, खोडऩ, बिड़ौरी, करियाबल आदि गांवों के लोग जो अभी तक भिंड के मछंड व इटावा के चकर नगर के बाजार में खरीददारी के लिए जाते थे अब जगम्मनपुर की ओर मुडऩे लगे हैं। स्थानीय व्यापारी सुरेश यादव, राजकुमार द्विवेदी, ताहर सिंह यादव आदि ने इसे शुभ संकेत बताते हुए कहा कि लगता है कि अब उनके दिन बहुरने वाले हैं। उनका कहना है कि गांव को टाउन एरिया में परिवर्तित कर दिया जाये और जगम्मनपुर से पतराही जाने वाले पुराने मार्ग को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से नये सिरे से निर्मित करा दिया जाये तो आर्थिक तरक्की की होड़ में यहां का बाजार शानदार मुकाम कायम करके दिखा सकता है।

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