Menu
blogid : 11660 postid : 52

संदीपन गुरुकुल की स्मृतियां सहेजे संदी

मुक्त विचार
मुक्त विचार
  • 478 Posts
  • 412 Comments
संदी के पातालेश्वर मंदिर में स्थापित शिवलिंग।
संदी के पातालेश्वर मंदिर में स्थापित शिवलिंग।
पातालेश्वर मंदिर के बाहर का दृश्य।
पातालेश्वर मंदिर के बाहर का दृश्य।

जनपद जालौन के कालपी क्षेत्र में पौराणिक धऱोहर बिखरी पड़ी हैं। विशेष रूप से यहां के गुरुकुलों में कभी देश के कोने-कोने से विद्यार्थी ज्ञान प्राप्ति के लिए आते थे। ग्राम संदी का नामकरण संदीपन ऋषि के नाम पर हुआ है जिन्होंने श्रीकृष्ण और सुदामा को शिक्षा दी थी। कुछ दशकों से दस्यु आतंक के कारण कालपी की कुख्याति देश भर में फैल गई थी जबकि वेद-पुराण के युग में यह क्षेत्र समूचे राष्ट्रीय मानचित्र पर पुण्यभूमि के रूप में स्थान रखता था। जनमान्यता है कि संदी में संदीपन ऋषि का गुरुकुल था। वैसे महाभारत का गहराई से अध्ययन करने पर दूर-दूर तक कहीं यह नजर नहीं आता कि संदी का कृष्ण-सुदामा के गुरु संदीपन से सीधा कोई रिश्ता हो सकता है। सम्भव है कि उस समय प्रमुख ऋषियों के दर्शन को प्रसारित-प्रचारित करने के लिए उनके शिष्यों द्वारा जगह-जगह उनके नाम पर गुरुकुल खोलने की परम्परा रही हो। कालपी क्षेत्र में तो इस प्रवृत्ति की भरमार सी दिखती है। तभी यहां न केवल संदीपन ऋषि बल्कि वाल्मीकि, वेदव्यास, पाराशर आदि अपने समय के अत्यंत मूर्धन्य ऋषियों के स्थान होने की किंवदंतियां प्रचलित हैं।

बहरहाल जो भी हो कहा यह जाता है कि ऋषिवर संदीपन के गुरुकुल को मुगलकाल में ढहा दिया गया था, लेकिन सैकड़ों वर्ष पुराना यहां का पातालेश्वर मंदिर अभी भी गांव की गौरव पताका को लहरा रहा है। वीरेंद्र पाठक बताते हैं कि यहां शतकोटि रुद्रि शिवलिंग स्थापित है जो अत्यंत दुर्लभ माना जाता है। मंदिर के पुजारी श्रीधर सीरौठिया ने बताया कि हर माह प्रदोष के दिन यहां रुद्राभिषेक का आयोजन होता है, जिसमें कानपुर, लखनऊ, उन्नाव, बाराबंकी तक के श्रद्धालु सम्मिलित होते हैं। उन्होंने इस मंदिर के सुंदरीकरण में काफी योगदान दिया है। महाशिवरात्रि पर बड़ी संख्या में कांवरिये लोधेश्वर, यमुना व बेतवा नदी से पवित्र जल लाकर यहां के शिवलिंग का अभिषेक करते हैं। स्थानीय लोग पर्यटन विभाग से इस गांव को अपनाने की अपेक्षा कर रहे हैं। यहां परामनोविज्ञान पर शोध केंद्र स्थापित करने की भी कोशिशें चल रही हैं।

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply