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अति कुपोषित बच्चों को स्वस्थ करने की कमर कसी

मुक्त विचार
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बाल विकास विभाग पूरी मशक्कत करने के बाद जालौन जिले में 219 अति कुपोषित बच्चों की तलाश कर पाया है जबकि इनकी संख्या हजारों में है। बहरहाल जिलाधिकारी मनीषा त्रिघाटिया ने उन्हें सामान्य और स्वस्थ श्रेणी में लाने के लिए कई विभागों के समन्वय से समयबद्ध कार्ययोजना तैयार की है। बच्चों के अभिभावकों को रोजगार व उचित खुराक की व्यवस्था करना भी इसमें शामिल है।
बाल विकास विभाग अभी तक फर्जी आंकड़ेबाजी के लिए बदनाम रहा है लेकिन मौजूदा डीएम ने जिस तरह इस पर तवज्जो दी है उससे विभाग की कार्यशैली बदल रही है। प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी पुष्पा वर्मा ने स्वयं स्वीकार किया कि जुलाई-अगस्त के सर्वे में 219 अति कुपोषित बच्चों की ही पहचान हो पायी थी लेकिन अब आंगनबाड़ी केंद्रों पर इस बारे में नयी सूचनायें आ रही हैं जिससे इस संख्या में काफी इजाफा होने का अनुमान है। डीएम ने कहा कि अति कुपोषित बच्चे गरीबों का अभिशाप है जिससे हर सूरत में कुपोषण का मुकाबला किया जाना चाहिए।

कार्यकत्रियों को सौंपी जिम्मेदारी

डीएम ने बाल विकास विभाग को सख्त शब्दों में हिदायत दी है कि इसमें तालमटोल बर्दाश्त नहीं की जायेगी। अतिकुपोषित बच्चे को अस्पताल पहुंचाने का काम उसके माता, पिता के भरोसे न छोड़ें। कार्यकत्री स्वयं उसे अस्पताल ले जायें। सीएमओ डा. अम्बष्ट का कहना है कि हर पीएचसी, सीएचसी को निर्देशित कर दिया गया है कि वह अति कुपोषित बच्चे का प्राथमिकता के आधार पर परीक्षण कर अगर उसे कोई गंभीर बीमारी है तो उसके मुफ्त इलाज की व्यवस्था करें अन्यथा उचित आहार की व्यवस्था की जाये। सीएमओ ने कहा कि बच्चे का कार्ड बनाने का कोई शुल्क न लेने के लिए सभी प्रभारी चिकित्साधिकारी को निर्देशित कर दिया गया है।

अभिभावकों को होगी रोजगार की व्यवस्था

मुख्य विकास अधिकारी एएन सिंह ने बताया कि सभी अतिकुपोषित बच्चों के अभिभावकों का सर्वे करा लिया गया है। हरेक के पास जाबकार्ड है। अगर वे बीपीएल कार्ड धारक होंगे तो उन्हें स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना से स्थायी व्यवसाय की व्यवस्था करायी जायेगी। समाज कल्याण अधिकारी एके सिंह ने कहा कि अनुसूचित जाति के परिवारों को स्वरोजगार के लिए उनका विभाग सहायता करने को तत्पर है।

राशन पानी की भी चिंता

डीएम ने पूर्ति विभाग से कहा है कि इन परिवारों के राशन पानी की चिंता की जाये। राशन कार्ड न भी हो तो भी कोटेदार से उन्हें खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए कहा जाये। डीएसओ आरपी शंखवार ने बताया कि दिसंबर से नये राशनकार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी। इस दौरान प्रत्येक ऐसे परिवार को गरीबी की रेखा से नीचे की श्रेणी का राशन कार्ड जारी करना सुनिश्चित किया जायेगा।

बड़े बच्चे भी होंगे आच्छादित

आंगनबाड़ी केंद्रों ने केवल 1 से 5 वर्ष तक के अति कुपोषित बच्चों का सर्वे किया है। डीएम ने कहा कि बेसिक शिक्षाधिकारी पांच वर्ष के अतिकुपोषित बच्चों को मिड-डे-मील योजना से जोडऩे के साथ-साथ 6 से 14 वर्ष तक की उम्र के परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों का भी सर्वे करें ताकि स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से संचालित आशीर्वाद योजना से उन्हें लाभान्वित कराया जा सके।

40 प्रतिशत केंद्रों पर ही गर्म आहार

कुपोषण दूर करने के मंसूबे आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों व सुपरवाइजरों से लेकर सीडीपीओ तक की जाने वाली लापरवाही और बंदरबांट की वजह से धराशायी है। कार्यक्रम विभाग ने डीएम को जो लिखित रिपोर्ट भेजी है उसके मुताबिक 40 प्रतिशत आंगनबाड़ी केंद्रों पर ही अब तक गर्म आहार की व्यवस्था हो पायी है। हालांकि प्रभारी डीपीओ पुष्पा वर्मा का कहना है कि अभी तक 1814 केंद्रों में 819 की कार्यकत्रियों के ही मोबाइल नंबर एकत्रित किये जा सके थे जिससे रिपोर्ट में कमी प्रदर्शित हो रही है। अब सभी के नंबर हासिल कर लिये गये हैं और उनसे की गयी बातचीत से मालूम होता है कि शत प्रतिशत केंद्र खुल रहे हैं और सभी केंद्रों पर गर्म आहार तैयार हो रहा है। दूसरी ओर माधौगढ़ के विधायक संतराम कुशवाहा से पूछा तो उनका कहना है कि इससे बड़ी गप कोई दूसरी नहीं हो सकती।

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