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फूलों की नर्सरी में विलायती बबूल का जंगल

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उद्यान विभाग की नर्सरी में विलायती बबूल का जंगल।
उद्यान विभाग की नर्सरी में विलायती बबूल का जंगल।

बोहदपुरा में उद्यान विभाग की 14 एकड़ की फूलों और फलदार वृक्षों की नर्सरी उजाड़ होकर विलायती बबूलों के जंगल में तब्दील हो गयी है। मनरेगा की औषधीय और फूलों की खेती की लघु, सीमांत किसानों के लिए संचालित योजना इसके चलते दम तोड़ती नजर आ रही है फिर भी नर्सरी के रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

जालौन जनपद में मुख्यालय के नजदीक बनी बोहदपुरा की 1977 में स्थापित की गयी उद्यान विभाग की नर्सरी का इस समय बुरा हाल है। मनरेगा की योजनाओं के लिए ग्राम्य विकास अभिकरण की पौधों की मांग पर इसी कारण नर्सरी ने हाथ खड़े कर दिये हैं। 2 वर्ष पहले यहीं से मनरेगा के लिए आंवले और अमरूद के पौधों की आपूर्ति ग्राम पंचायतों को की गयी थी।

अब जरूरत तो उपेक्षा

35 वर्ष पहले जब यह नर्सरी बनी थी उस समय उद्यानिकी के लिए सरकारी प्रयासों की उतनी जरूरत नहीं थी जितनी अब है। अब मनरेगा में भी यह महत्वपूर्ण बिंदु है और निजी बागों का अस्तित्व बढ़ाना भी सरकार के लिए चुनौती है लेकिन आश्चर्य की बात है कि उद्यानिकी को बढ़ावा का सरकार ढिंढोरा तो पीटती है लेकिन नयी नर्सरी कायम करना तो दूर पुरानी नर्सरी का रखरखाव भी उसके एजेंडे में नहीं है। बोहदपुरा नर्सरी की दशा इसका उदाहरण है। नर्सरी के लिए स्थापित पुराने नलकूप का बोर बंद हो चुका है जबकि दूसरे नलकूप की मोटर 5 महीने से फुंकी पड़ी है। सिंचाई के अभाव में नयी फुलवारी तैयार करना तो दूर दशहरी आम, अमरूद, आंवला के कुछ वर्ष पहले लगाये गये पेड़ों को बचाना तक मुश्किल है। तार फेंसिंग खत्म हो चुकी है जिससे आसपास के किसान इसी में अपने मवेशी लाकर चराते हैं। जिला उद्यान अधिकारी महेंद्र सिंह ने बताया कि पौधशालाओं के सुंदृढ़ीकरण के लिए जिला योजना समिति के सामने बजट की मांग रखी गयी थी लेकिन मंजूर नहीं की गयी।

कर्मचारियों का भी टोटा

नर्सरी के लिए स्टाफ की नियुक्ति में भी कोताही हो रही है। नलकूप की खराब मोटर सुधरवाने में लापरवाही और 2 वर्ष पहले काम करने वाले 8 संविदा कर्मचारियों की मजदूरी का बजट न मंगाने की वजह से डेढ़ महीने पहले तत्कालीन सहायक सुपरवाइजर राकेश कुमार को निलंबित कर दिया गया था। इस बीच किसी की नियुक्ति यहां करने पर ध्यान नहीं दिया गया। उनके स्थानापन्न रामाधार ने 2 दिन पहले कार्यभार संभाला है। 2 स्थायी कर्मचारियों में 1 आपरेटर है। दूसरे का पता नहीं है।

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