बालीवुड की निगाह अब बुंदेलखंड पर है। जाने माने फिल्म निर्देशक महेश भट्ट ने इस सिलसिले में 2 दिन तक झांसी का दौरा किया। इसके बाद उन्होंने यहां के विषयों पर डाक्युमेंट्री फिल्मों के निर्माण की श्रंखला की कार्ययोजना का ऐलान किया है।
महेश भट्ट के साथ कई फिल्मों में निर्देशन सहयोगी रहे अजय कंचन ने एक भेंट में कहा कि भोजपुरी फिल्मों की सफलता से साबित हो गया है कि क्षेत्रीय बोलियों और संस्कृति पर आधारित फिल्मों का दौर शुरू हो चुका है। महेश भट्ट पहले डाक्युमेंट्री और टेली फिल्में और इसके बाद बुंदेली फीचर फिल्में भी बनायेंगे। केंद्रीय ग्राम्य विकास राज्य मंत्री प्रदीप जैन ने उनकी पहल पर बुंदेलखंड फिल्म सिटी के लिए 100 करोड़ रुपए का आवंटन कराने का आश्वासन दिया है। साथ में यहां बुंदेली फिल्म संस्थान स्थापित करने का भी प्रस्ताव है। बुंदेलखंड के सभी जिलों को इसमें भागीदार बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि उरई के संजय श्रीवास्तव के प्रस्ताव पर महेश भट्ट बुंदेलखंड की ओर मुखाबित हुए और उन्हीं को ‘बुंदेलीवुड’ की रूपरेखा तैयार करने का दायित्व सौंपा है।
यूनीसेफ सहित कई अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं में काम कर चुके अजय कंचन भी अब जाना माना नाम है। उन्होंने टेली, फीचर व डाक्युमेंट्री श्रेणी की 50 फिल्में अभी तक निर्देशित की हैं। मूल रूप से झांसी के रहने वाले अजय कंचन का कहना है कि मुंबई में बुंदेलखंड की गुमनाम सी स्थिति का बोध होने पर उन्हें बड़ी कसक थी। महेश भट्ट फिल्म निर्देशन के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों से भी जुड़े हुए हैं जिसके कारण बुंदेलखंडी फिल्मों के प्रोजेक्ट के लिए उनका वरदहस्त उन्हें मिला। इस अभियान से राष्ट्रीय चेतना में बुंदेलखंड को स्थान दिलाने का उनका स्वप्न पूरा होगा।
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